CSJMU, News

सीएसजेएमयू में ‘हेल्थ-कॉन 2025’ का सफल आयोजन, एआई आधारित स्वास्थ्य सेवाओं पर हुआ मंथन

शेयर करें

कानपुर- CSJMU News

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज द्वारा रानी लक्ष्मीबाई ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘हेल्थ-कॉन 2025’ सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। “भविष्य की एकीकृत स्वास्थ्य सेवा: विभिन्न विषयों का समन्वय” विषय पर केंद्रित इस सम्मेलन में भारत और विदेशों से आए चिकित्सा विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।

सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डेटा साइंस और नवाचार की भूमिका पर केंद्रित सत्रों का आयोजन किया गया। चिकित्सा अनुसंधान, डायग्नोसिस प्रक्रियाओं में एआई का उपयोग, न्यूरोप्लास्टिसिटी, नींद और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। साथ ही भारत में चिकित्सा विज्ञान में मौजूद विरोधाभासों पर भी प्रकाश डाला गया।

कार्यक्रम का स्वागत भाषण डॉ. दिग्विजय शर्मा ने दिया और सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की। कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारत को डायग्नोस्टिक विशेषज्ञता से आगे बढ़ते हुए एआई आधारित चिकित्सा अनुसंधान को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो निरंतर आगे बढ़ता है वही नई ऊंचाइयों को छूता है, सूर्य की तरह हमें भी स्थिर नहीं रहना चाहिए।”

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने युवा शोधकर्ताओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के कथन को दोहराया: “सपने वे नहीं जो हम नींद में देखते हैं, बल्कि वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।” उन्होंने युवाओं से स्वास्थ्य सेवा को शोध का मिशन बनाने का आह्वान किया।

उपचार्य डॉ. रिजा गिरी ने अंतर्विषयक शिक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की। सीएसजेएमयू के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने चिकित्सा और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. वकार एम. नकवी ने स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान में एआई के योगदान पर अपने विचार रखे। सत्र का संचालन डॉ. उमेश कुमार मौर्य ने किया और अध्यक्षता डॉ. अवध द्विवेदी व डॉ. मनीष सिंह ने की। डॉ. राजू रस्तोगी ने डायग्नोस्टिक इमेजिंग में एआई और डीप लर्निंग की भूमिका पर व्याख्यान दिया और बताया कि एआई निदान को अधिक प्रभावी बना सकता है।

ब्रिटेन से आए विशेषज्ञ डॉ. एहा जॉर्जी ने न्यूरोप्लास्टिसिटी और मस्तिष्क विकारों के उपचार पर शोध प्रस्तुत किया। वहीं डॉ. सुशील कुमार झा ने “नींद हमारे मस्तिष्क और शरीर के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है” विषय पर सत्र लिया।

सम्मेलन में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। समापन सत्र में ‘हेल्थ-कॉन 2025’ की पुस्तिका का विमोचन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी गणमान्य अतिथियों, विशेषज्ञों, आयोजकों और विशेष रूप से समन्वयक डॉ. दिग्विजय शर्मा के प्रयासों की सराहना की। उन्हें सम्मेलन के सफल आयोजन में योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *