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“फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर केमिस्ट्री” में एम.एससी. पाठ्यक्रम शुरू करने वाला सीएसजेएमयू बना देश का पहला विश्वविद्यालय

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सीएसजेएम यूनिवर्सिटी और एफएफडीसी कन्नौज के बीच एमओयू, अब छात्र पा सकेंगे परफ्यूम व फ्लेवर इंडस्ट्री में करियर के अवसर।
सीएसजेएमयू के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज और एफएफडीसी कन्नौज के बीच ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), कानपुर ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बनने का गौरव प्राप्त किया है, जिसने रसायन विज्ञान (Chemistry) में “फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर केमिस्ट्री” विषय पर विशेषीकृत एम.एससी. (M.Sc.) कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (FFDC), कन्नौज के सहयोग से संचालित किया जाएगा।

यह समझौता ज्ञापन (MoU) सीएसजेएमयू के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के रसायन विज्ञान विभाग और कन्नौज स्थित एफएफडीसी, जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME), भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, के बीच संपन्न हुआ।

एमओयू समारोह का आयोजन

इस MoU समारोह का आयोजन कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के निदेशक प्रो. राजेश कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर एफएफडीसी के निदेशक श्री शक्ति विनय शुक्ला एवं उप निदेशक श्री नदीम अकबर की उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे छात्रों के लिए सुनहरा अवसर बताया।

एम.एससी. फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर केमिस्ट्री की प्रमुख विशेषताएं

यह दो वर्षीय विशेषीकृत स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम होगा, जिसमें सैद्धांतिक कक्षाएं सीएसजेएमयू के रसायन विभाग द्वारा आयोजित की जाएंगी। वहीं प्रयोगशाला कार्य और पायलट स्केल प्रयोग एफएफडीसी, कन्नौज में कराए जाएंगे। इस पाठ्यक्रम की डिग्री विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाएगी। शोध कार्य हेतु विश्वविद्यालय एवं एफएफडीसी के संयुक्त मार्गदर्शन में पर्यवेक्षक एवं सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।

नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम

कार्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, जिसमें नवाचार, व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगारपरक कौशल को प्राथमिकता दी गई है। निदेशक प्रो. द्विवेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में एनईपी को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है।

कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि यह अभिनव पाठ्यक्रम छात्रों को परफ्यूम, फ्लेवर, खाद्य एवं पेय पदार्थ, कॉस्मेटिक, फार्मा और एफएमसीजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, छात्र स्टार्टअप्स और अनुसंधान परियोजनाओं से भी जुड़ सकेंगे।

लैटरल एंट्री और व्यावसायिक शिक्षा

इस कार्यक्रम में उन छात्रों के लिए लैटरल एंट्री का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा, जिन्होंने एम.एससी. (केमिस्ट्री/इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री), पी.जी. डिप्लोमा (फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर) या अन्य संबंधित विषयों के पहले वर्ष की पढ़ाई पूरी कर ली हो। रसायन विज्ञान एवं केमिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एफएफडीसी के सहयोग से व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।

सीएसजेएमयू और एफएफडीसी के आपसी सहयोग से भविष्य में विश्वविद्यालय परिसर में “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित करने की योजना है। इसके अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस, लघु अवधि के प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम और स्टार्टअप्स के साथ औद्योगिक परियोजनाएं चलाई जाएंगी।

इस अवसर पर प्रो-वाइस चांसलर प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव, डीन ऑफ एकेडमिक्स डॉ. बृष्टि मित्रा, निदेशक लाइफ साइंसेज डॉ. वर्षा गुप्ता, मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा, तथा रसायन विभाग के शिक्षकगण उपस्थित रहे। डॉ. अंजू दीक्षित (डिप्टी डायरेक्टर, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज) ने एमओयू को सम्पन्न कराया तथा डॉ. इंद्रेश कुमार (नोडल ऑफिसर, CSJMU) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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