सोशल साइंसेज, कॉमर्स, आर्ट्स और साइंस के छात्रों के लिए शुरू हुए विशेष AI कोर्स, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘समर्थ’ पर होंगे उपलब्ध
कानपुर, 23 मार्च 2025। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े चार नए वोकेशनल कोर्सेज का शुभारंभ किया गया। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर अकादमिक भवन में आयोजित बैठक में AI for Social Sciences, AI for Arts & Humanities, AI for Commerce और AI for Sciences नामक कोर्सेज को मंजूरी दी गई।
ये सभी कोर्सेज 3 क्रेडिट आधारित होंगे और “समर्थ” ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेंगे, जिनका लाभ विश्वविद्यालय परिसर के साथ-साथ संबद्ध कॉलेजों के छात्र-छात्राएं भी उठा सकेंगे।
कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने इस अवसर पर कहा कि AI अब केवल टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाजशास्त्र, वाणिज्य, कला और मानविकी जैसे क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व बदलाव ला रहा है। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को सिर्फ यूज़र नहीं बल्कि इनोवेटर और डेवलपर बनाना है।
उन्होंने कहा कि AI तकनीक का प्रभाव अब नीति निर्माण, डेटा विश्लेषण, शिक्षण पद्धतियों और सामाजिक अनुसंधान तक फैल चुका है। विश्वविद्यालय द्वारा यह पहल छात्रों को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व से भी जोड़ने का कार्य करेगी।
कोर्स समन्वयक डॉ. अंशु सिंह ने जानकारी दी कि यह कोर्स पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से संचालित होगा और इसमें ऑडियो-विजुअल कंटेंट हिंदी भाषा में उपलब्ध रहेगा। यह समावेशी पहल छात्रों को उनकी रुचि और विषय क्षेत्र के अनुसार AI की मूलभूत समझ और उसके उपयोग की जानकारी प्रदान करेगी।
शिक्षकों का सम्मान
कोर्स मॉड्यूल के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कैंपस और कॉलेज के शिक्षकों को कुलपति प्रो. पाठक द्वारा सम्मानित किया गया। इन शिक्षकों ने AI आधारित कंटेंट को विषय विशेषज्ञता के साथ हिंदी में तैयार किया, जिससे यह पाठ्यक्रम छात्रों के लिए अधिक सुलभ और उपयोगी बन सके।
इस कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, डीन अकादमिक प्रो. बृष्टि मित्रा, प्रो. आर.के. द्विवेदी, डॉ. नमिता तिवारी सहित सभी डीन, डायरेक्टर और विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
यह पहल विश्वविद्यालय की AI शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाते हुए हर विषय और पृष्ठभूमि के छात्र को तकनीकी भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।