परिचय: CSJMU News, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (CSJMU) का आधिकारिक समाचार पोर्टल है। यह पोर्टल विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं, गतिविधियों, अनुसंधानों, आयोजनों और शैक्षणिक उपलब्धियों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। CSJMU News छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur – CSJMU) का आधिकारिक समाचार पोर्टल है। यह पोर्टल विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं, गतिविधियों, अनुसंधानों, आयोजनों और शैक्षणिक उपलब्धियों को व्यापक रूप से प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। इस पोर्टल का निर्माण एवं संचालन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग (Department of Journalism and Mass Communication) द्वारा किया जाता है।
विश्वविद्यालय का इतिहास: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय) की स्थापना वर्ष 1966 में की गई थी। इसकी स्थापना से पहले, इस क्षेत्र के महाविद्यालय आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। वर्ष 1949 में, राधाकृष्णन आयोग ने कानपुर में एक नए विश्वविद्यालय की स्थापना की सिफारिश की, जिससे आगरा विश्वविद्यालय पर बढ़ते दबाव को कम किया जा सके। इस मांग को पूरा करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने 1965 के कानपुर और मेरठ विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत इस विश्वविद्यालय की स्थापना की। विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य है – “आरोह तमसो ज्योति” (अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ो)।
आरंभ में, विश्वविद्यालय की स्थापना परवर्ती बगला रोड के एक छोटे से भवन में हुई, जिसे बाद में सर्वोदय नगर में स्थानांतरित किया गया। वर्ष 1971-72 में, राज्य सरकार और कानपुर नगर निगम की सहायता से जी.टी. रोड, कल्याणपुर के पास 264 एकड़ भूमि खरीदी गई, जहाँ विश्वविद्यालय का प्रमुख परिसर विकसित हुआ।
विकास और विस्तार: 1993-94 तक विश्वविद्यालय से 84 महाविद्यालय संबद्ध थे, जिसमें 11 संकाय, 4000 शिक्षक और 80,000 विद्यार्थी शामिल थे। इसके बाद विश्वविद्यालय ने शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया। 1997 तक, विश्वविद्यालय ने एक सुसंगठित अकादमिक संस्कृति विकसित की, परीक्षा प्रणाली की शुचिता बहाल की, और आवासीय विश्वविद्यालय का स्वरूप प्राप्त किया। इसी अवधि में, बी.टेक., एमबीए और बी.एड. जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई। विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित “यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी” (UIET) ने वर्ष 2000 में अपने पहले बैच के इंजीनियरों को तैयार किया।
2004 तक, विश्वविद्यालय के तहत 202 महाविद्यालय थे, जिसमें 77 सरकारी सहायता प्राप्त और 125 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय थे। इसके अलावा, 20 आयुर्वेद और यूनानी महाविद्यालय भी संबद्ध थे। वर्तमान में, विश्वविद्यालय के अंतर्गत 952 महाविद्यालय 11 जिलों में फैले हुए हैं।
अनुसंधान और नवाचार: चार दशकों से अधिक समय के दौरान, विश्वविद्यालय ने अपने शिक्षण और अनुसंधान कार्यों को सुदृढ़ किया है। 2016 में, अनुसंधान परियोजनाओं के लिए अनुदान देने हेतु एक विशेष कोष की स्थापना की गई। इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने ई-गवर्नेंस के उपयोग को बढ़ावा देते हुए ऑनलाइन प्रवेश और प्रशासनिक सेवाओं को डिजिटल बनाया।
2017 में, विश्वविद्यालय ने अपने अधीन कॉलेजों की संख्या बढ़ाई और कानपुर नगर, कानपुर देहात, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, और औरैया जिलों के कई महाविद्यालयों को संबद्ध किया।
नई शिक्षा नीति और भविष्य की दिशा: वर्ष 2021 में, विश्वविद्यालय ने संगठनात्मक पुनर्गठन करते हुए कई नए स्कूलों की स्थापना की, जिनमें भाषा अध्ययन, बेसिक साइंस, विधि अध्ययन, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी, कृषि विज्ञान, स्वास्थ्य अध्ययन, जैव प्रौद्योगिकी, प्रबंधन अध्ययन, फार्मास्युटिकल साइंस, और प्रदर्शन कला जैसे विविध विषय शामिल हैं।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षा के दायरे को व्यापक बना रहा है। विश्वविद्यालय की शैक्षिक प्रणाली आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की भावना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगोष्ठियों, सम्मेलनों और शैक्षिक गतिविधियों में अपनी पहचान बना रहे हैं।
हमारी प्रतिबद्धता: CSJMU News, विश्वविद्यालय के सभी नवीनतम अपडेट, अकादमिक सुधार, अनुसंधान, और छात्रों से संबंधित समाचारों को आप तक पहुँचाने के लिए तत्पर है। यह पोर्टल विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और कार्यक्रमों को व्यापक स्तर पर साझा करने का एक सशक्त माध्यम है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) कानपुर, उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र है और यह छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में निरंतर अग्रसर है।