स्वास्थ्य सेवा के बदलते स्वरूप में फिजियोथेरेपी एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरी है, जो न केवल रोगियों को पुनर्वास (rehabilitation) प्रदान करती है, बल्कि रोकथाम, जीवनशैली में सुधार और समग्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रही है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU), कानपुर का हेल्थ साइंसेज़ फैकल्टी, इस क्षेत्र में नए और दक्ष फिजियोथेरेपिस्ट तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो आज की चिकित्सकीय चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
इसी क्रम में फिजियोथेरेपी विभाग के प्राध्यापक डॉ. आदर्श श्रीवास्तव ने एक विशेष साक्षात्कार में बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) के छात्रों के भविष्य, संभावनाओं और आवश्यक क्षमताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
फिजियोथेरेपी में सफल करियर के लिए ज़रूरी गुण
डॉ. आदर्श ने बताया कि एक अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए छात्रों में कुछ विशेष गुणों का होना आवश्यक है।
सबसे पहला और जरूरी गुण है — संचार कौशल (Communication Skills)। चूंकि फिजियोथेरेपिस्ट को अपने कार्य में रोगियों, उनके परिजनों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से निरंतर संवाद करना होता है, इसलिए स्पष्ट और प्रभावी संवाद करना आना बहुत जरूरी है। छात्रों को सिर्फ तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी की भावना, टीमवर्क, प्रोफेशनलिज़्म और आत्म-उत्तरदायित्व भी विकसित करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को क्लिनिकल प्रैक्टिस के दौरान समस्याओं की पहचान करना, उनका विश्लेषण करना और मरीज के लिए उचित समाधान खोजना आना चाहिए। यही चीज उन्हें एक साधारण विद्यार्थी से एक प्रोफेशनल फिजियोथेरेपिस्ट बनाती है।
क्लिनिकल प्रैक्टिस और स्पेशलाइज़ेशन में बढ़ती संभावनाएं
डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार, क्लिनिकल प्रैक्टिस आज के दौर में ग्रेजुएशन के बाद छात्रों की सबसे पहली पसंद बन रही है। यह प्रैक्टिस सरकारी और निजी अस्पतालों, आउट पेशेंट विभागों (OPDs) में की जा सकती है। इसके अलावा, छात्र विभिन्न स्पेशलाइज़ेशन के ज़रिए खुद को और निखार सकते हैं — जैसे:
- न्यूरोलॉजी फिजियोथेरेपी
- कार्डियोलॉजी और पल्मोनोलॉजी
- स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी
- वीमेन हेल्थ
- मैनुअल थेरेपी
उन्होंने यह भी बताया कि आजकल छात्र मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (MPT) और रिसर्च आधारित करियर विकल्पों की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। कई छात्र कॉर्पोरेट और इंडस्ट्रियल हेल्थ सेक्टर में भी नौकरी के अवसर प्राप्त कर रहे हैं, यहां तक कि विदेशों की मल्टीनेशनल कंपनियों में भी सीएसजेएमयू के छात्रों को मौका मिल रहा है।
नवाचार और रिसर्च में अग्रणी सीएसजेएमयू का फिजियोथेरेपी विभाग
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि सीएसजेएमयू का फिजियोथेरेपी विभाग निरंतर नवाचार और वैज्ञानिक शोध में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। हमारे विभाग में अब ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जिनके केस दुर्लभ और जटिल होते हैं, और हमने नई रिसर्च तकनीकों के ज़रिए उनका सफल इलाज किया है।”
इन तकनीकों में लेज़र थेरेपी, स्पोर्ट्स रिहैबिलिटेशन उपकरण, और नवीन चिकित्सा पद्धतियाँ शामिल हैं। विभाग के छात्र, स्कॉलर और फैकल्टी मिलकर उच्च स्तरीय रिसर्च पेपर प्रकाशित कर रहे हैं, और पेटेंट भी प्राप्त कर रहे हैं।
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