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सीएसजेएमयू में “इनोवेटिव एआई सॉल्यूशंस फॉर सस्टेनेबल सिटीज” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

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कानपुर – CSJMU News

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के सीनेट हॉल में “सतत शहरों के लिए नवाचारी एआई समाधान” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन आज हुआ। इस आयोजन में देशभर से आए शिक्षाविदों, उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और युवा नवप्रवर्तकों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य शहरी सततता के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।

दूसरे दिन की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, प्रोफेसर सचिदानंद श्री के. विजेन्द्र पांडेय और मुख्य अतिथि प्रोफेसर टी. जी. सितारमन की गरिमामयी उपस्थिति में उद्घाटन समारोह से हुई।

अपने संबोधन में कुलपति प्रोफेसर पाठक ने भारत की गहराई से जुड़ी सनातन जीवन पद्धति और उसकी सतत जीवनशैली की वैश्विक पहचान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अब ऐसी नवाचारी तकनीकों का केंद्र बनता जा रहा है जो तकनीकी विकास के साथ-साथ पारिस्थितिकी संतुलन को भी बनाए रखती हैं।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर टी. जी. सितारमन ने अपने संबोधन में शहरी विकास में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने AI को “ऑग्मेंटेड इंटेलिजेंस” कहा जो मानवीय क्षमताओं को बढ़ाता है, न कि उन्हें प्रतिस्थापित करता है। साथ ही, उन्होंने भारत के प्रतिभाशाली युवाओं और विश्वस्तरीय इंजीनियरों एवं वैज्ञानिकों की सराहना की, जिन्हें आईआईटी जैसे संस्थानों से तैयार किया जा रहा है।

विशिष्ट अतिथि और “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)” पहल के संयुक्त आयुक्त सुनील कुमार ने सतत शहरी नियोजन की चुनौतियों पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से ब्राउनफील्ड शहरों जैसे कानपुर के संदर्भ में। उन्होंने बौद्ध दर्शन से प्रेरित “पार्श्व समीप पथ” की अवधारणा प्रस्तुत की, जो ग्रामीण एवं शहरी विकास के संतुलित समावेश की बात करता है।

सम्मेलन के दौरान प्रोफेसर सचिदानंद पांडेय को वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु सरकारी पहलों में उनके योगदान और उद्योगों के साथ साझेदारी में उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत के 2070 तक “नेट जीरो” लक्ष्य की महत्ता को रेखांकित किया और AI स्टार्टअप्स की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि एआई और सततता के क्षेत्र में 100 से अधिक स्टार्टअप्स का तेजी से विकास हो रहा है, जो भारत के तकनीकी भविष्य को नई दिशा दे रहे हैं।

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