कानपुर – CSJMU News
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के सीनेट हॉल में “डिजिटल भविष्य के लिए बहुविषयक अनुसंधान में वैश्विक मुद्दे” विषय पर 29वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेस और फोरम फॉर एडवांस ट्रेनिंग इन एजुकेशन एंड रिसर्च अकादमी (FAIERA) के आपसी सहयोग से संपन्न हुआ, जिसमें विश्वभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविद, शोधकर्ता और विचारक शामिल हुए।
इस सम्मेलन का उद्देश्य तेजी से बदलते डिजिटल युग में उत्पन्न हो रही जटिल समस्याओं के समाधान हेतु सामूहिक विशेषज्ञता और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना रहा। स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेस के निदेशक प्रो. आर. के. द्विवेदी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए ज्ञान-विनिमय को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक लंदन से ऑनलाइन माध्यम से सम्मेलन से जुड़े। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे युग में हैं, जहां इंटरनेट में सालों, एआई में घंटों और मॉडल तैयार करने में सिर्फ मिनट लगते हैं। उन्होंने इस तेजी से बदलते परिदृश्य में पारंपरिक प्रणालियों पर पड़ने वाले प्रभाव और स्थिरता से जुड़े प्रश्नों पर विचार रखने को कहा।
प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने संस्थानों से आह्वान किया कि वे ज्ञान, संसाधनों और अनुसंधान को साझा करते हुए डिजिटल नवाचार में महत्त्वपूर्ण प्रगति करें। एफएआई के अध्यक्ष व पूर्व कुलपति प्रो. एम. प्रेमजीत सिंह ने शिक्षा के तीन स्तरीय दृष्टिकोण — शिक्षा, अनुसंधान और व्यापक दृष्टि — पर जोर दिया।
थाईलैंड के राजमंगला प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रो. सी. सी. चैन ने पीढ़ियों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान की महत्ता पर प्रकाश डाला। एमएनएनआईटी प्रयागराज के प्रो. पंकज श्रीवास्तव ने युवा शोधकर्ताओं को धैर्य और दृढ़ता के साथ अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया।
रोमानिया से आई प्रो. जॉर्जिया रना ओरोस ने डिजिटल युग की चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए, जबकि यूक्रेन की प्रो. नीना पो एडा नौ सिक ने अंतःविषय सहयोग को भविष्य के अनुसंधान का मूल बताया।
सम्मेलन में प्रोफेसर मारिया एमेलिया कैमर्गो को “जीन एकेडेमी शियान अवार्ड” से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारतीय शोध परंपरा की प्रतिबद्धता और गुणवत्ता की सराहना की।
अंत में कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन में कंबोडिया, रोमानिया, थाईलैंड, ब्राज़ील, मलेशिया, तुर्की और यूक्रेन सहित लगभग 10 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में डीन रिसर्च डॉ. अनुराधा कालानी, डॉ. अंजू दीक्षित, डॉ. शिखा शुक्ला, डॉ. नमिता तिवारी सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।