कानपुर – CSJMU News
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर ने अपने 60 वर्षों के गौरवपूर्ण सफर में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। विश्वविद्यालय को NAAC से A++ ग्रेड प्राप्त हुआ है, जो पिछले 60 वर्षों की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है। यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है, बल्कि इसे देश और दुनिया में एक नई पहचान दिलाने वाली साबित हुई है।
पिछले चार वर्षों में विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व प्रगति की है। छात्र प्रवेश की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है, और शोध के लिए बेहतर माहौल विकसित हुआ है। विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की पहचान वैश्विक स्तर के डेटाबेस में दर्ज की जा चुकी है। शोध गंगा में सीएसजेएमयू देशभर में टॉप पांच में बना हुआ है और “शोध गंगा नौकर” में पूरे देश में पहले स्थान पर है।
नवाचार एवं इनक्यूबेशन के ज़रिए विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। नई शिक्षा नीति, समर्थ पोर्टल और कई नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत ने विश्वविद्यालय को आधुनिक शिक्षा के केंद्र में स्थापित किया है।
यह बदलाव रातोंरात नहीं आए। इसके पीछे सतत प्रयास, कठिन श्रम और नेतृत्व में एक समर्पित दृष्टिकोण रहा है। कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के कुशल निर्देशन में “स्टूडेंट फर्स्ट” नीति को अपनाया गया, जिसने छात्र हितों को केंद्र में रखते हुए विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
सन 1966 में पार्वती बांग्ला रोड के एक छोटे से भवन से शुरू हुआ यह विश्वविद्यालय आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है। शोध के क्षेत्र में दीनदयाल शोध पीठ, गीता शोध पीठ, और जैन शोध पीठ की स्थापना ने न केवल अकादमिक समृद्धि बढ़ाई, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व भी निभाया है।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने छात्रों को रोजगारोन्मुखी अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई प्रभावशाली पहल कीं। एलुमनाई सेल की स्थापना कर देशभर में फैले पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय से जोड़ा गया, उन्हें सम्मानित किया गया और विश्वविद्यालय के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई।
विश्वविद्यालय के सभी विभागों का डिजिटलाइजेशन, नवीन पाठ्यक्रमों का संचालन, और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन — इन सभी प्रयासों ने सीएसजेएमयू को तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है। वर्ष 2023-24 में विश्वविद्यालय ने यूएस वर्ल्ड रैंकिंग, यूएस एशिया रैंकिंग और एडू रैंकिंग जैसे वैश्विक मंचों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
यह सफलता कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की दूरदर्शिता, समर्पण और निष्कलंक नेतृत्व का प्रतिफल है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, और निरंतर प्रयासों से किसी भी संस्था को श्रेष्ठता की ऊंचाई तक पहुंचाया जा सकता है।
आज विश्वविद्यालय उस मुकाम पर खड़ा है, जहां से संभावनाओं के अनंत द्वार खुलते नजर आते हैं। 60 वर्षों पहले शुरू हुआ यह सफर अब भी जारी है — ठीक उसी तरह जैसे भागीरथी गंगा, जो गोमुख से गंगासागर तक अविरल बहती रहती है।
आप सभी को विश्वविद्यालय के 60वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
जय हिंद।