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सीएसजेएमयू में चतुर्थ एआईयू राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश बिंदल रहे मुख्य अतिथि

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कानपुर-CSJMU News

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज में चतुर्थ एआईयू राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का भव्य उद्घाटन हुआ। यह आयोजन कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की प्रेरणा और मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

उद्घाटन समारोह की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव, स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के निदेशक सुधांशु पांड्या और लीगल स्टडीज स्कूल के निदेशक डॉ. शशिकांत त्रिपाठी द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने मूट कोर्ट प्रतियोगिता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिताएं प्रतिभागियों को अस्थायी रूप से एक वकील के जूते में कदम रखने का अवसर देती हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि न्यायाधीश अक्सर पूर्णता से अधिक जुनून को महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि जीत से अधिक महत्वपूर्ण भागीदारी है, क्योंकि सीखना एक निरंतर प्रक्रिया है।

न्यायमूर्ति बिंदल ने कानून के छात्रों से सामुदायिक जुड़ाव की वकालत करते हुए गांवों को गोद लेने और कानूनी सहायता के माध्यम से सामाजिक विकास में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर की सराहना करते हुए कहा कि यहां का वातावरण अत्यंत सकारात्मक और प्रेरणादायक है।

प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने अपने संबोधन में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक को विश्वविद्यालय के सतत विकास के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति बिंदल ने न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के समावेश में उल्लेखनीय योगदान दिया है। साथ ही यह भी घोषणा की गई कि विश्वविद्यालय में जल्द ही न्यायिक विज्ञान विभाग की स्थापना की जाएगी।

रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए समारोह का समापन किया।

इसके अतिरिक्त, कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कानपुर एयरपोर्ट पर न्यायमूर्ति बिंदल का पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने सेवामुक्त न्यायाधीशों और अनुभवी लीगल प्रैक्टिशनर्स को शिक्षण संस्थानों से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे विधि छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा और वे न्याय प्रणाली को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।

इस अवसर पर प्रोफेसर आर. के. द्विवेदी, दिव्यांशु शुक्ला, श्री समरेंद्र चौहान, आयोजन समिति के सदस्य डॉ. राहुल तिवारी, डॉ. मयूरी सिंह सहित विभाग के सभी वरिष्ठ शिक्षक उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह के पश्चात प्रतियोगिताओं का आरंभ हुआ, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से 20 से अधिक टीमों ने भाग लिया। तीन दिवसीय इस मूट कोर्ट प्रतियोगिता के प्रमुख विषय “डीप फेक” और “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” रखे गए हैं। इसका उद्देश्य विधि क्षेत्र के छात्रों को कौशल विकास और व्यावसायिक परिपक्वता से जोड़ना है, जिससे उन्हें एक सशक्त और व्यावहारिक मंच प्राप्त हो सके।

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