भारत एक ऐसा देश है जहां आपको मिठाई के शौकीन लोग आसानी से मिल जाएंगे। चाहे डिनर हो या लंच खाने के बाद मीठा तो बनता है। ऐसे में अगर आपको कनपुरिया स्वीट्स खाने को मिल जाए तो इससे बढ़िया क्या होगा? उत्तरी मैनचेस्टर में बने ‘ठग्गू के लड्डू’ ने आज पूरे भारत में अपनी अलग पहचान बना चुका है। ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि शुद्ध घी,बादाम, पिस्ता और अन्य ड्राई फ्रूट्स से बने ‘ठग्गू के लड्डू’ आपके दिल को ना ठगे।
आईए जानते हैं कि कैसे आज पूरे भारत में अपने असाधारण स्वाद से ‘ठग्गू के लड्डू’ ने अपनी छाप बनाई है।
‘ठग्गू के लड्डू’ ने क्यों चुनी ऐसी नेगेटिव टैगलाइन
ठग्गू के लड्डू की प्रसिद्ध टैगलाइन है ‘ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं‘। आखिर इस टैगलाइन और नाम को लाने का आईडिया कहां से आया? क्यों ऐसी नेगेटिव और कैची लाइन का इस्तेमाल किया रामावतार पांडे ने। यह जानने के लिए हमें अतीत के पन्नों में झांकना पड़ेगा-
बात है आज से लगभग 80 साल पहले की। जब ठग्गू के लड्डू के संस्थापक रामावतार पांडे महात्मा गांधी के एक भाषण को सुनने गए। तो वहां पर बापू ने चीनी को ‘सफेद ज़हर‘ कहा। इस बात ने रामावतार को आश्चर्य में डाल दिया। आखिर चीनी सफेद ज़हर कैसे हो सकती है? वह मिठाई की दुकान खोलना चाहते थे। इससे पहले वह अपनी पत्नी के बताए रेसिपी से लड्डू बनाकर फुटपाथ पर ही बेचा करते थे। उन्होंने सोचा कि मैं ऐसी चीज को कैसे बेच सकता हूँ। ऐसे में उन्होंने खुद को ‘ठग‘ कहा। तभी से ‘ठग्गू के लड्डू’ ने कानपुर के लोगों के दिलों में अपनी अलग ही जगह बना ली।
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बदनाम कुल्फी बदनाम होते हुए भी है फेमस
गर्मियों का मौसम है| सूरज दुपहरिया में सिर पर चढ़कर अपना गुस्सा दिखा रहा है। ऐसे में ‘ठग्गू की बदनाम कुल्फी‘ को आप अगर सूरज को भी चखा दें तो वह भी ठंडा हो जाए। यह बदनाम कुल्फी आम कुल्फियों से बिल्कुल अलग है। यह दूध की ना बनकर रबड़ी जैसी होती है। इसकी टैगलाइन नेगेटिव होते हुए भी मार्केटिंग में सफल है।
जैसे-” चखते ही जुबां और जेब की गर्मी हो जाएगी गायब” या फिर “मेहमान को चखाना नहीं, वरना टिक जाएगा।” यह टैगलाइनस आपको इसे चखने के लिए पास बुलाएंगे। आपके मन में यह जिज्ञासा जगाएगी कि आखिर मेहमान को क्यों ना खिलाऊँ? क्या है इस ‘ठग्गू की बदनाम कुल्फी’ में।
नवाज़ा जा चुका है FMCG award से
‘ठग्गू के लड्डू’ को FMCG ( Fast Moving Consumer Goods) भी मिल चुका है। FMCG उन उत्पाद से संबंधित है जो कि बाजार में बहुत ही कम समय पर, जल्दी और उचित मूल्य पर बिकते हैं। यह उत्पाद आमतौर पर कस्टमर के रोजाना उपयोग में आने वाली चीजें होती हैं। जैसे कि कोलगेट, खाना- पीना और सब्जियां आदि।
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